#11
मानो सुबह सुबह कोई बगीचे की ओर का पर्दा हटा दिया हो, ओर फूलों की ख़ुशबू के साथ सनसनातीं हुई हवा मेरी कानो में शोर मचा दिया हो , लग सी बेचेनि मेरी जिस्मोंजहां में मच गया हो, साँसे थमने लगी हो ,कपकपहट मानो रुक ही न रही हो ,
और
तेरे पास होने की अनुभूति मात्र से दूसरे ही पल बेहिसाब गर्मी मानो शरद में गर्मी का मौसम हो .,